मौसम अपडेट: उत्तराखंड के कई जिलों में आज भारी बारिश के आसार, सतर्क रहने की अपील।

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मौसम अपडेट: उत्तराखंड में मानसून का कहर लगातार गहराता जा रहा है। पहाड़ों से लेकर मैदानों तक भारी बारिश का असर दिख रहा है। प्रदेश के चमोली और बागेश्वर जिले के कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, देहरादून, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, पिथौरागढ़, नैनीताल, चंपावत और ऊधमसिंह नगर जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश का येलो अलर्ट है।





मौसम विज्ञान केंद्र ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। पर्वतीय इलाकों में यात्रा करने से बचने की भी हिदायत दी गई है। उत्तराखंड में बारिश का क्रम भले ही धीमा पड़ गया हो, लेकिन कुछ इलाकों में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सोमवार को भी देहरादून और मसूरी में भारी बारिश हुई, जिससे कुछ देर के लिए जनजीवन ठप हो गया। मसूरी में बारिश के बाद घना कोहरा छाया रहा। देहरादून में भी भारी बारिश के कारण कई जगहों पर जलभराव हो गया। जिससे वाहन चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं, केदारनाथ पैदल मार्ग पर भारी बारिश के बाद अलग-अलग जगहों पर फंसे यात्रियों को निकालने का काम जारी है। सोमवार को ड्रोन की मदद से विभिन्न जगहों पर फंसे लोगों को बचाया गया। सोमवार को कुल 1401 यात्रियों और स्थानीय लोगों को सुरक्षित निकाला गया।

चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं हालात⤵️
उत्तराखंड के लिए अगले तीन-चार दिन चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। राज्य में एक बार फिर भारी बारिश की संभावना है। बारिश के कारण पिछले पांच दिनों से चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन बाधित हो सकता है।




पांच दिन पहले भारी बारिश और बादल फटने के कारण केदारनाथ धाम के रामबाड़ा से भीमबली क्षेत्र तक मार्ग पर फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए राज्य सरकार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। 50 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, लेकिन कुछ लोग अभी भी फंसे हुए हैं। वहीं, सोमवार को पांचवें दिन भी रुद्रप्रयाग और उसके आसपास रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा। सोमवार को घाटी में मौसम भी साफ रहा, जिसके चलते हेलीकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू में काफी मदद मिली।

विभाग ने जारी किया अलर्ट⤵️
मौसम विभाग के निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह ने बताया कि राज्य के दो जिलों देहरादून और बागेश्वर में मंगलवार से भारी बारिश हो सकती है। इन दो जिलों के अलावा आने वाले दिनों में राज्य के अधिकांश जिलों में भारी बारिश की संभावना है। उन्होंने बताया कि उत्तरकाशी, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग, चमोली, नैनीताल, पौड़ी और टिहरी में भारी बारिश की संभावना है। लोगों से अपील की गई है कि वे फिलहाल पहाड़ों की यात्रा टाल दें। साथ ही विशेष सतर्कता बरतें।



क्षेत्र में ड्रोन से सर्च ऑपरेशन⤵️
केदारनाथ पैदल मार्ग पर फंसे लोगों की तलाश के लिए अभियान जारी है। एसडीआरएफ की टीम ने केदारनाथ पैदल मार्ग पर 5 किमी क्षेत्र में ड्रोन के जरिए सर्च ऑपरेशन चलाया। सर्च के दौरान एसडीआरएफ की टीम ने लिंचौली से एक हरियाणा के यात्री का शव एक पत्थर के नीचे से बरामद किया। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान सुबह से ही सोनप्रयाग समेत अन्य स्थानों पर बचाव कार्य में जुटे हैं। सोनप्रयाग में महिलाओं और बच्चों समेत 584 लोगों को ट्रॉलियों और अस्थायी रास्तों से बचाया गया। एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि गौरीकुंड से सोनप्रयाग तक पैदल मार्ग से बचाव कार्य किया गया है। मौसम साफ होने पर चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टरों ने चारधाम गुप्तकाशी हेलीपैड से केदारनाथ के लिए उड़ान भरी। दोनों हेलीकॉप्टरों ने दो-दो चक्कर लगाए, जिनमें 65 और 61 यात्रियों को बचाया गया। आपदा प्रबंधन सचिव ने सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच रुद्रप्रयाग गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग को बहाल करने के लिए योजना तैयार कर काम शुरू करने को कहा है। सचिव ने रुद्रप्रयाग गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग के प्रभावित हिस्सों के पुनर्निर्माण के लिए प्रत्येक स्थल पर एक सहायक और अवर अभियंता तैनात करने के निर्देश दिए हैं। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के अनुसार गौरीकुंड के पास घोड़ा पड़ाव में 15 मीटर और गौरीकुंड केदारनाथ पैदल मार्ग पर जंगल चट्टी में 60 मीटर सड़क बह गई है। दोनों स्थानों पर काम करना सबसे कठिन है।




29 स्थानों पर होगा पुनर्निर्माण⤵️
केदारनाथ में बादल फटने के बाद बने हालात को देखते हुए अब यात्रा बहाल करने की योजना बनाई जा रही है। पूरे पैदल मार्ग समेत अन्य स्थानों पर कुल 29 स्थानों पर पुनर्निर्माण कार्य होना है। डीएम सौरभ गहरवार ने कहा है कि हाईवे और पैदल मार्ग समेत अन्य संवेदनशील इलाकों में पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात करने की तैयारी की जा रही है। वहीं, भारी बारिश से मंदाकिनी नदी के उफान पर आने से  केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग में 11 केवी सबस्टेशन भी खतरे की जद में आ गया है। गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने सबस्टेशन के लिए नई जमीन चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं।



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